नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड जीत हासिल की है। उसे दो तिहाई से भी ज्यादा सीटों पर विजय प्राप्त हुई है। यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुनामी में, अरविंद केजरीवाल के झाड़ू के तिनके- तिनके बिखर गए। पिछले 11 वर्षों से दिल्ली की सत्ता पर आसीन, आम आदमी पार्टी मात्र 22 सीटों पर ही सिमट कर रह गई। वहीं शीला दीक्षित के समय लगातर 15 वर्षों तक, दिल्ली पर राज करने वाली कांग्रेस पार्टी, अपने पुराने प्रदर्शन को दोहराते हुए, एक भी सीट जीतने में असफल रही। ओवैसी की पार्टी एआईएमआइएम का कोई भी प्रत्याशी इस चुनाव में विजय पताका नहीं फहरा सका। आपको बता दें कि ओवैसी ने जेल में बंद, दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन और शिफा उर रहतान को अपना प्रत्याशी बनाया था परंतु दोनों ही चुनाव हार गए।
दिल्ली विधानसभा चुनाव का सबसे बड़ा उलट-फेर यह रहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया चुनाव हार गए। निवर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी मारलेना बड़ी मुश्किल से अपनी सीट बचा पायीं। अरविंद केजरीवाल को परवेश सिंह वर्मा ने नई दिल्ली सीट पर चार हजार से भी ज्यादा वोटों से पराजित किया। पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज भी चुनाव हार गए। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के 20 से भी ज्यादा विधायक चुनाव हार गए।